लेखनी कविता -सुपने में सांइ मिले

57 Part

55 times read

0 Liked

सुपने में सांइ मिले सोवत लिया लगाए आंख न खोलूं डरपता मत सपना है जाए सांइ मेरा बहुत गुण लिखे जो हृदय माहिं पियूं न पाणी डरपता मत वे धोय जाहिं ...

Chapter

×