लेखनी कविता - शारदा स्तुति -पल में काँटा बदल गया - अल्हड़ बीकानेरी

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पल में काँटा बदल गया / अल्हड़ बीकानेरी कूड़ा करकट रहा सटकता, चुगे न मोती हंसा ने करी जतन से जर्जर तन की लीपापोती हंसा ने पहुँच मसख़रों के मेले में ...

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