76 Part
27 times read
0 Liked
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया/ ग़ालिब फिर मुझे दीदा-ए-तर याद[1] आया दिल जिगर तश्ना-ए-फ़रियाद आया दम लिया था न क़यामत ने हनोज़[2] फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया सादगी हाये तमन्ना यानी ...