लेखनी कविता -वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता - ग़ालिब

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वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझको होने ने न ...

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