76 Part
41 times read
0 Liked
घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता / ग़ालिब घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है ...