लेखनी कविता -लब-ए-ईसा की जुम्बिश करती है गहवारा-जम्बानी - ग़ालिब

76 Part

39 times read

0 Liked

लब-ए-ईसा की जुम्बिश करती है गहवारा-जम्बानी / ग़ालिब लब-ए-ईसा की जुम्बिश करती है गहवारा-जम्बानी क़यामत कुश्त-ए-लाल-ए-बुताँ का ख़्वाब-ए-संगीं है बयाबान-ए-फ़ना है बाद-ए-सहरा-ए-तलब ग़ालिब पसीना-तौसन-ए-हिम्मत तो सैल-ए-ख़ाना-ए-जीं है ...

Chapter

×