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हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है / ग़ालिब हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए सुख़न की आज़माइश है चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है क़द-ओ-गेसू में क़ैस-ओ-कोहकन की आज़माइश है जहां हम हैं वहां ...