लेखनी कविता - दोशीज़ा मालन - कैफ़ी आज़मी

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दोशीज़ा मालन / कैफ़ी आज़मी लो पौ फटी वो छुप गई तारों की अंजुमन लो जाम-ए-महर से वो छलकने लगी किरन खिंचने लगा निगाह में फ़ितरत का बाँकपन जल्वे ज़मीं पे ...

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