63 Part
35 times read
1 Liked
गुरुदत्त के लिए नोहा / कैफ़ी आज़मी रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई डरता हूँ कहीं ख़ुश्क न हो जाए समुन्दर ...