लेखनी कविता -दोशीज़ा मालिन - कैफ़ी आज़मी

63 Part

44 times read

1 Liked

दोशीज़ा मालिन / कैफ़ी आज़मी लो पौ फटी वह छुप गई तारों की अंज़ुमन लो जाम-ए-महर से वह छलकने लगी किरन खुपने लगा निगाह में फितरत का बाँकपन जलवे ज़मीं पे ...

Chapter

×