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दोशीज़ा मालिन / कैफ़ी आज़मी लो पौ फटी वह छुप गई तारों की अंज़ुमन लो जाम-ए-महर से वह छलकने लगी किरन खुपने लगा निगाह में फितरत का बाँकपन जलवे ज़मीं पे ...