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बस इक झिझक है यही / कैफ़ी आज़मी बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में कि तेरा ज़िक्र भी आयेगा इस फ़साने में बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब ...