63 Part
41 times read
1 Liked
लाई फिर इक लग़्ज़िशे-मस्ताना तेरे शहर में / कैफ़ी आज़मी लाई फिर इक लग़्ज़िशे-मस्ताना[1] तेरे शहर में । फिर बनेंगी मस्जिदें मयख़ाना तेरे शहर में । आज फिर टूटेंगी तेरे घर ...