लेखनी कविता - ज़िन्दगी क्रम - बालस्वरूप राही

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ज़िन्दगी क्रम / बालस्वरूप राही जो काम किया, वह काम नहीं आएगा इतिहास हमारा नाम नहीं दोहराएगा जब से सुरों को बेच ख़रीदी सुविधा तब से ही मन में बनी हुई ...

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