लेखनी कविता - टॉर्च - बालस्वरूप राही

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टॉर्च / बालस्वरूप राही बत्ती गई डरो मत पापा, मैं लाती हूँ टॉर्च अभी। इतनी तेज़ रोशनी इसकी, चीजें चमकें साफ़ सभी। ...

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