लेखनी कविता -छतरी - बालस्वरूप राही

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छतरी / बालस्वरूप राही पापा ऐसी छतरी लाए, बटन दबाते ही खुल जाए। इन्द्रधनुष जैसी रंगीन, बच्चे नीचे आते तीन। ...

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