लेखनी कविता -मेंढक - बालस्वरूप राही

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मेंढक / बालस्वरूप राही मेंढक उछल-कूद करता है बाहर आ बरसात में, जब सारी दुनिया सोती है, टर्राता हैं रात में। ...

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