लेखनी कविता -मच्छरदानी - बालस्वरूप राही

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मच्छरदानी / बालस्वरूप राही पापा लाए मच्छरदानी, हुई मच्छरों को हैरानी। मैं मच्छरदानी के अंदर, भिन्न-भिन्न करते मच्छर बाहर। ...

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