158 Part
50 times read
0 Liked
चील / बालस्वरूप राही आसमान में उड़ती चील। नज़र गड़ाए रहती लेकिन, नन्हें-मुन्ने हाथों पर, मार झपट्टा ले जाती हैं, जो आज जाए उसे नज़र। चाहे टॉफी चाकलेट हो, चाहे चने ...