लेखनी कविता -चौकीदार - बालस्वरूप राही

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चौकीदार / बालस्वरूप राही ठक-ठक करता चौकीदार चोर पकड़ने को तैयार। 'जागते रहना' 'होशियार' शोर मचाता बारंबार। अगर जागना हमको यार, तू काहे का पहरेदार? ...

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