लेखनी कविता - नीम - बालस्वरूप राही

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नीम / बालस्वरूप राही दूर रहेंगे वैद, हकीम घर में एक लगा ली नीम। बसे बीसियों इसमें गुण, जादूगर इस की दातुन। दांतों को चमकती है, मोती उन्हें बनती है। ...

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