लेखनी कविता -बुद्धू बैरा - बालस्वरूप राही

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बुद्धू बैरा / बालस्वरूप राही भैया ने मंगवाया दोसा, मैंने माँगा गरम समोसा, उसे समोसा, मुझ को डोसा, बैरे जी ने गलत परोसा। ज़रा मांगने दो टिप उसको, उसे दिखा दूंगा ...

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