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हम / बालस्वरूप राही पूछ रहे क्यों कैसे हैं, हम क्या ऐसे-वैसे हैं! चमक रहा चेहरा चम-चम, गाल टमाटर जैसे हैं! उल्टा-सीधा खाते कम हँसते रहते हैं हरदम! जूस पिया करते ...