लेखनी कविता - स्कूल बस - बालस्वरूप राही

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स्कूल बस / बालस्वरूप राही मेरी बस है सब से आला, करती कभी न गड़बड़झाला। रोज नियम से आ जाती है, ठीक समय पर पाहुचती है। मैडम भी इस से ही ...

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