लेखनी कविता -पिकनिक - बालस्वरूप राही

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पिकनिक / बालस्वरूप राही बाकी तो सब लगती झिकझिक, सबसे अच्छी लगती पिकनिक। बैठ मज़े से बस में जाते, गाने गाते, शोर मचाते। खाते-पीते, मौज उड़ाते, गप्प मारते, जोक सुनाते। करने ...

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