लेखनी कविता - लाल बहादुर शास्त्री - बालस्वरूप राही

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लाल बहादुर शास्त्री / बालस्वरूप राही भारत-माँ के लाल बहादुर शास्त्री जी तुम कहलाए। सीधे-सादे छोटे-से थे काम बड़े कर दिखलाए। शांति तुम्हें प्यारी थी लेकिन उससे भी प्यारा थी देश ...

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