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सर्कस का जोकर / बालस्वरूप राही हंस कर कभी कभी रो कर, खूब हँसता है जोकर। रंग-बिरंगा सूट पहन, ढीले-ढाले बूट पहन, उछल-उछल खाता ठोकर। ऐसा ढोंग रचता है। जैसे सब ...