लेखनी कविता - हेलीकॉप्टर - बालस्वरूप राही

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हेलीकॉप्टर / बालस्वरूप राही वायुयान के पंखे आगे, इस का पंखा है ऊपर। दौड़ लगाए बिन उद जाता फुर्ती से हेलीकॉप्टर। चारों ओर घिरे हों पर्वत फिर भी उड़ता फर फर ...

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