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नन्हा मछुआ / बालस्वरूप राही बंसी डाल नदी में नीलू, बन कर बैठा मछुआ, मछली फँसी न कोई दिन –भर, फँसा अंत में कछुआ। नीलू समझा फँसी आज तो बहुत बड़ी ...