लेखनी कविता - सुनो, डाकिए भाई ! - बालस्वरूप राही

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सुनो, डाकिए भाई ! / बालस्वरूप राही सुनो, डाकिए भाई, एक पत्र मेरा भी ला दो, दूँगा तुम्हें मिठाई। कहो, बड़ों से क्या पाते हो, बस उन के ही खत लाते ...

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