लेखनी कविता -जो बर्फानी हवा झेलते - बालस्वरूप राही

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जो बर्फानी हवा झेलते / बालस्वरूप राही जो तूफानी लहरों में से अपनी राह बनाते, जो बर्फानी हवा झेलते अविरल बढ़ते जाते। जो आँधी-बरसात, अँधेरा देख और तनते है, उन में ...

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