लेखनी कविता - रंग जमाया टीवी ने - बालस्वरूप राही

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रंग जमाया टीवी ने / बालस्वरूप राही फीके पड़े तमाशे सारे, रंग जमाया टीवी ने। ए बी सी डी ई एफ जी, फिल्मों की है धूम मची, सबने इतवारों की शाम, ...

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