लेखनी कविता -बापू - बालस्वरूप राही

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बापू / बालस्वरूप राही दो अक्टूबर, तीस जनवरी, ये दोनों दिन रखना याद। एक जन्मदिन है बापू का, दूजा बलि हो जाने का, दोनों ही दिन प्रण दुहराना घर-घर जोत जगाने ...

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