लेखनी कविता -कुतुब मीनार - बालस्वरूप राही

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कुतुब मीनार / बालस्वरूप राही ईफिल टावर झुका हुआ है, सीधी खड़ी कुतुब मीनार। कई शासकों सेनापतियों- का है यह सपना साकर, हिन्दू-मुसलमान दोनों को एक सरीखा इससे प्यार। तरह-तरह के ...

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