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सच्चा सुख / बालस्वरूप राही धूप चिलचिलाती निकले तो मन होता बादल आएँ, खूब झमाझम पानी बरसे, भीगे, झूम-झुम गाएँ, छाता लगा गली में घूमे या टहले घर की छत पर, ...