72 Part
56 times read
0 Liked
किस तरफ़ से आ रही है / फ़िराक़ गोरखपुरी किस तरफ़ से आ रही है आज पैहम बू-ए-दोस्त. ऐ सबा,बिखरे हैं किस अन्दाज़ से गेसू-ए दोस्त. कुछ न पूछ ऐ हमनशीं,रुदादे-रंगो-बू-ए-दोस्त. ...