लेखनी कविता - समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है

44 Part

74 times read

0 Liked

समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है जहाज़ खुद नहीं चलते खुदा चलाता है ये जा के मील के पत्थर पे कोई लिख आये वो हम ...

Chapter

×