पनाह

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खुश हूं मिला कर निगाह तुझ से है इश्क़ जो बे पनाह तुझ से मै कुछ भी नहीं छुपाता हूं जी मुझ को भी यही है चाह तुझ से पाकीज़ा ये ...

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