लेखनी कविता - गज़ल

44 Part

62 times read

0 Liked

ग़ज़ल बीमार को मर्ज़ की दवा देनी चाहिए वो पीना चाहता है पिला देनी चाहिए अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ में है जितनी पूँजी पास लगा देनी चाहिए ये दिल किसी ...

Chapter

×