लेखनी कविता - गज़ल

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ग़ज़ल बीमार को मर्ज़ की दवा देनी चाहिए वो पीना चाहता है पिला देनी चाहिए अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ में है जितनी पूँजी पास लगा देनी चाहिए ये दिल किसी ...

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