44 Part
76 times read
0 Liked
गज़ल शहरों-शहरों गाँव का आँगन याद आया झूठे दोस्त और सच्चा दुश्मन याद आया पीली पीली फसलें देख के खेतों में अपने घर का खाली बरतन याद आया गिरजा में इक ...