44 Part
76 times read
0 Liked
गज़ल काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने तेरी दस्तार पे तन्कीद की हिम्मत तो नहीं अपनी पापोश को कालीन कहा है ...