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गज़ल ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे फरिश्ते आ के ख़्वाब मेँ हिसाब माँगने लगे इधर किया करम किसी पे और इधर जता दिया नमाज़ पढ़के आए और शराब माँगने ...