लेखनी कविता - गज़ल

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गज़ल तेरे वादे की तेरे प्यार की मोहताज नहीं  ये कहानी किसी किरदार की मोहताज नहीं(१) खाली कशकोल पे इतराई हुई फिरती है  ये फकीरी किसी दस्तार की मोहताज नहीं(२) लोग ...

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