लेखनी कविता - गज़ल

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गज़ल किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल  अभी बदलता है माहौल, अल्लाह बोल  कैसे साथी, कैसे यार, सब मक्कार  सबकी नीयत डांवाडोल, अल्लाह बोल  जैसा गाहक, वैसा माल, देकर ताल  कागज़ ...

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