दिल-ए-नादान

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मेरे सीने में, तू धड़कता बहुत है, दिल-ए-नादान तड़पता बहुत है। छन्नी कर दिया ग़म-ए-फुरक़त ने, तू रफ़्ता रफ़्ता, तड़कता बहुत है।। ...

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