1 Part
255 times read
20 Liked
इंसानियत का फर्ज हमने खूब निभाया है यहांँ बदलते बदलते खुद को कितना बदला यहांँ प्यार सब का मुझको भला मिले यहांँ औरों के लिए अपने आप को संभाला यहांँ घर ...