लेखनी कविता - गुलाबी चूड़ियाँ - नागार्जुन

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गुलाबी चूड़ियाँ / नागार्जुन प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ, सात साल की बच्ची का पिता तो है! सामने गियर से उपर हुक से लटका रक्खी हैं काँच की ...

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