लेखनी कविता - शासन की बंदूक - नागार्जुन

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शासन की बंदूक / नागार्जुन खड़ी हो गई चाँपकर कंकालों की हूक नभ में विपुल विराट-सी शासन की बंदूक उस हिटलरी गुमान पर सभी रहें है थूक जिसमें कानी हो गई ...

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