57 Part
44 times read
0 Liked
भोजपुर / नागार्जुन 1 यहीं धुआँ मैं ढूँढ़ रहा था यही आग मैं खोज रहा था यही गंध थी मुझे चाहिए बारूदी छर्रें की खुशबू! ठहरो–ठहरो इन नथनों में इसको भर ...