लेखनी कविता - मेघ बजे - नागार्जुन

57 Part

62 times read

0 Liked

मेघ बजे / नागार्जुन धिन-धिन-धा धमक-धमक मेघ बजे दामिनि यह गयी दमक मेघ बजे दादुर का कण्ठ खुला मेघ बजे धरती का ह्र्दय धुला मेघ बजे पंक बना हरिचंदन मेघ बजे ...

Chapter

×